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Preeti Mishra

Others

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Preeti Mishra

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माँ -पापा का साथ

माँ -पापा का साथ

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याद बहुत आता है, मेरे माँ-पापा का साथ,

वो सन्डे की सुबह और वो पूड़ी-छोले का स्वाद ।

पापा के साथ शतरंज खेलता छोटा भाई और

कभी टेबल टेनिस, बैडमिंटन में दीदी का एक और ट्राई।

कभी खेलते साथ और कभी लेते इम्तिहान, मेरे पापा,

माँ बीच-बीच में झाँक लिया करती थीं,

खाना लग गया है, डाँटा ना करो की

हिदायत दिया करतीं थीं ।

आज वो मीठी यादें उमड़ घुमड़ आती हैं,

पापा की सब सीख मन में दुहरा कर जाती हैं ।

कितना सहज -सरल रह पाते थे,

सारी मुश्किलों को छुपा जाते थे ।

हम बच्चों को बेहतर दे पाने को,

एक टीम बन कर खेल रहे थे ।

हमारे बचपन के थैले में दुलार,

क़ायदों के साथ यादों के मोती भर रहे थे।।


याद बहुत आता है माँ -पापा का साथ

और बचपन की वो अनगिनत याद ।।



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