कह दो, इस रात, इस भोर से यह दास्ताँ हमसे है हर वक़्त का ज़र्रा हमसे है हमसे ही इसका वजूद है .... कह दो, इस रात, इस भोर से यह दास्ताँ हमसे है हर वक़्त का ज़र्रा हमसे है हमसे ही इ...
एक अरसा सा हो गया तुझे देखे पर कोई ऐसा लम्हा नहीं जब तुझे ना याद किया। एक अरसा सा हो गया तुझे देखे पर कोई ऐसा लम्हा नहीं जब तुझे ना याद किया।
फिर उसी कि, की नुमाइश है मेरी हर एक चाहत की, मुझे दास्ताँ सुना गया मेरा माज़ीमेरे सामने आ गया फिर उसी कि, की नुमाइश है मेरी हर एक चाहत की, मुझे दास्ताँ सुना गया मेरा माज़ीमेरे...
अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ। अब बात बात में बात करता हूँ, अपने में ही कुछ उलझे सवालात करता हूँ।