लालपरी जानीमानी
लालपरी जानीमानी
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आज जबसे आई है घर में प्यारी नानी ;
तबसे खुशी से नाच रही है गुड़ियारानी !
अब नानी सुनाएगी परियों की कहानी;
कभी नीलपरी तो लालपरी है जानीमानी!
पर जब गुड़िया की जिद पर शुरु हुई नानी;
उनकी कथा में अब वह बात नहीं थी पुरानी!
अब लालपरी खुश नहीं बल्कि उदास मिली;
गुड़िया को नानी की आंखे लगी कुछ गीली !
आख़िर पूछ बैठी, नानी क्यूं शक्ल है रोनी ;
ऐसा क्या हो गया लालपरी के साथ अनहोनी!
नानी बोली,अब परीलोक में भी सुरक्षित नहीं जिंदगानी;
परियां डरकर रहती, ये वहां भी यही घर घर की कहानी !
