क्या कहूँ, क्या लिखूँ
क्या कहूँ, क्या लिखूँ
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क्या कहूँ , क्या लिखूँ,
मै तेरे बिना मुझें कुछ,
अहसास नहीं होता है।
तू साथ मेरे हों ना हो,
मुझे तेरा होने का कभी
आगाज़ नहीं होता है।
कैसे अपने "घमंड" का
करोगे तुम परित्याग,
जब कोई तुम्हारे बिना
भी करता हों परित्याग,
कैसे तुम अपना उसे
कहोगे ,लिखोगे, जब
हों कोई "घमंड" तुम्हें।
