कविता
कविता
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कविता तुम कोई साधारण सी बात नहीं
तुम असाधारण प्रतिभा की धनी हो।
तुम में समाई है बहुत सी बातें
भावनाएं ,प्रतिक्रिया, आनंद,
उल्लास तूम बिल्कुल नवयोवना सी हो।
कभी श्रृंगार रस से भरपूर
तो कभी विरह की वेदना हो
हां तुम कविता हो।
कभी सुनाती ज्ञान की कथा
तो कभी तुम सच का सामना करवाती हो।
हां तुम कविता हो।
कविता तुम योद्धा जैसी
वीर रस से परिपूर्ण हो।
कभी सुनाती संघर्ष की कथा तो कभी तुम नव वधू सी लजाती हो।
हां तुम कविता हो।
प्राण में भरदे नई ऊर्जा
तुम ऐसे परिवर्तन का बिगुल बजाती हो,
हां तुम कविता हो।