नारी
नारी
नारी तुम सुबह की धूप
कोयल की मीठी आवाज हो तुम
नारी तुम उज़मा की स्रोत,
मेरे जीवन में ओज हो तुम।
नारी तुम प्रेम की मूरत।
प्रेम में स्वयं सिद्धा हो तुम।
वीरता में श्रेष्ठ वीरांगना।
जीवन की श्रेष्ठ योद्धा हो तुम।
दंड देने के साहस के साथ
मां काली की रूप हो तुम।
जीवन युद्ध के विराट क्षेत्र मे
दुर्गा का अवतार हो तुम।
प्रेम सरिता की तेज धारा
मीरा राधा का रूप हो तुम।
संकट पड़ जाए प्राणों पर तो
सत्यवान की सावित्री हो तुम।
युद्ध क्षेत्र के भूमि पर सदैव
राजिया ,लक्ष्मीबाई हो तुम।
सहनशीलता की बात पड़े तो
इस धरती के जैसे हो तुम।
संस्कार की इस भूमि पर
अहल्या सावित्री बाई हो तुम।
सेवा के क्षेत्र में जीत लिया
मदर टेरेसा जैसी हो तुम।
साहस की जीती जागती शय
कल्पना चावला जैसे तुम।
रात की रजनीगंधा जैसे
सुंदरता की देवी हो तुम।
तन से सुंदर प्यारा मन
इस धरती की नैमत हो तुम
तुम अरदास हो तुम दुआ हो
खुदा की रहमत हो तुम।
शीश झुका कर तेरे चरणों में
महिला दिवस की ढेरों शुभकामनाओं के साथ
बस हर और तुम ही तुम।