STORYMIRROR

Chetandas Vaishnav

Inspirational

3  

Chetandas Vaishnav

Inspirational

कोरोना काल के तीन योद्धा( 4 )

कोरोना काल के तीन योद्धा( 4 )

2 mins
291


पुलिसकर्मी 

चिकित्साकर्मी 

और सफाईकर्मी, 

ये थे कोरोना काल के सच्चे-योद्धा,

महामारी के इस दौर में इनकी कट रही थी 

जिंदगी जैसे काट रहे हो वनवास,

ये तो थे "कर्मयोद्धा" 

इनको करना था कर्म हर-हाल में,

कर्म करते-करते ये घायल हो जाते "कर्म के मैदान" में,

इनको भी रहती थी घर-परिवार की चिंता, 

जो बसे है दूर गांव में हमारे इंतजार में,

लगता था मानो दुनियां ठहर-सी गई है, 

जैसे पांवों में जकड़ी हो बेड़ियां,

फिर भी लोग ताना मार कर कहते 

बिठाकर तनख्वाह देती है "सरकार",

कर्म के मैदान में कर्म ने पकड़ ली रफ्तार, 

घर वाले करते है बस यही सवाल

सब विभागों में छुट्टियां है 

फिर भी 

तुम घर क्यो नहीं आ रहे हो,

सारा देश बंद है लगी देश में 144 है 

फिर भी तुम काम पर जा रहे हो,

अब घर वालों कौन समझाय ? 

कैसे हमारे यहां हालात है ?

किराये के कमरों में राशन नहीं है, 

फिर भी हम काम पर जाते है,

सारा शहर और बाजार बंद हो जाते है 

तब हम घर वापस आते है,

मां-बाप हम से पूछ रहे है रो-रो कर 

जिनको छोड़ आया हूँ दवाइयों के भरोसे,

बेटा तुम कैसे रहते-खाते हो ? 

पत्नी फोन कर पूछती है खाना-खाया की नहीं,

वो खाने के बहाने तबीयत की नब्ज टटोलती मेरी,

जिन छोटे बच्चों को रोता छोड़ आया हूँ, 

वो भी करते है बार-बार यही सवाल ?

पापा पूरा देश बंद पड़ा है 

तो आप नॉकरी पर क्यों जाते हो ?

अब हम सबको झूठ बोल कर समझते है 

तरह- तरह के बहानों से समझते हैं,

देश- समाज के लिए जीवन समर्पित है 

इसलिये हम नॉकरी पर जाते है,

हम तो अपना "कर्म" निभाना जानते है, 

तीनों "कर्मयोद्धा" को समर्पित !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational