कोरोना और आपका परिवार
कोरोना और आपका परिवार
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कोरोना, एक डर का तूफान,
हम सब उससे थे अंजान।
कैसी विपदा है आई?
दुनिया में गंभीर महामारी छाई!
मृत्यूसत्र का चालू है तमाशा,
देख के दुनिया, बोले विनती की भाषा।
बंद सभी कारखाने और दुकानें,
कैसे पालूँ परिवार, क्या करूँ बहाने?
या खुदा, पुछती हूँ आज तुमसे,
कब होगी ये जिंदगी पहले जैसे?