जिंदगी की राह...
जिंदगी की राह...
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काली रात मे रेल की पटरी पे,
चमक रही है चांद की रोशनी।
किर्द झाड़ियों से गुंज रही है,
अनजानी रात की खामोशी।
दूर तक रास्ता ले जा रहा है,
चांद की और गुमनाम सा बुला रहा है।
ये वो जिंदगी का एहसास है,
जो बिना रुके चलता जा रहा है।
मंजिल तो अभी बहुत दूर है,
बस जिंदगी इस राह से गुजर रही है।