लिया मानसून का नज़ारा, बारिश के बूंदों के संग। लिया मानसून का नज़ारा, बारिश के बूंदों के संग।
दो पैसों की खातिर, चाहे, हाथ–रिक्शा चलता क्यूं है। दो पैसों की खातिर, चाहे, हाथ–रिक्शा चलता क्यूं है।