कमबख़्त इश्क़
कमबख़्त इश्क़
1 min
7.0K
बेपरवाह न हम थे
ख़ुदगर्ज़ न तुम थे।
दिल में जज़्बात थे मेरे
आँखों में सपने थे तेरे ।
मेरी रज़ामंदी थी
तुम्हारी न कोई पाबंदी थी ।
इश्क़ जुनून था मेरा
प्यार था तुम्हारा रैन बसेरा ।
बेवफाई न हमसे हुई
सहन जुदाई न तुमसे हुई ।
बेपरवाह न हम थे
ख़ुदगर्ज़ न तुम थे।