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achla Nagar

Others

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कलम पर प्रहार

कलम पर प्रहार

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माँ का आँचल सबसे ऊंचा 

क्योंकि उसने अपने खून से हमको है सींचा 

कोरे कागज पर लेखक की जब कलम दौड़ती है

तो बड़े-बड़े योद्धाओं के हथियार हो गए धराशायी 

संग्राम के मैदानों में.... 

 

जो मुंह की कथनी कुछ ना कह सकी

लेखक की लेखनी ने किया पर्दाफाश 

कलम की ताकत को पहचानो 

बिना किसी का सर कलम किए दे देता है यह सजा 

कागज के कोरे पन्नों पर जब दिमाग के घोड़े दौड़ते हैं

तो अच्छे अच्छों के मनोबल गिर जाते है

और सब की छुट्टी कर देते हैं


पाठ सच्चाई का

सिखाकर कोरे कागज पर

एक नया इतिहास लिखकर

सद्भावना लाती है कलम।

ये कोई तलवार या इंसान नहीं

खुद-ब-खुद मेरे कलम का ज्ञान बोल रहा है ।


तलवार तो चल पड़ती है अपनी धार उठा कर, 

उसे कहाँ कुछ समझना होता है,

लेकिन मेरी इस कलम को तो हर एक मोड़ पर

संविधान का ध्यान रखना पड़ता है,

वक्त है अभी भी संभलने का तो संभल जाओ

मेरे देश के हिंसक वादियों,

क्योंकि एक ना एक दिन घोड़े से ले के

जुबान तक को भी लगाम देना पड़ता है


यह कलम से मनोरंजन भी होता है

तो कभी तूफान भी आ जाता है,

दबी हुई आवाज़ उठा कर निसहाय का

सहारा बन जाता है ,

ये कलम अंधकार को मिटा कर प्रकाश

उजागर करना चाहता है,

हथियार मेरा है भले ही छोटा सा,

लेकिन घाव गहरे कर जाता है ।


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