कभी मुस्कुराकर भी देखो इस दुनिया में जीने का मतलब ही बदल जाएगा ! कभी मुस्कुराकर भी देखो इस दुनिया में जीने का मतलब ही बदल जाएगा !
टिक ही पता नहीं मैदान में दुश्मन ज़ीनत जब भी औरत कोई तलवार उठा लेती हैं। टिक ही पता नहीं मैदान में दुश्मन ज़ीनत जब भी औरत कोई तलवार उठा लेती हैं।
हमारी फर्ज़ी धार्मिकता पर एक लुहार की. हमारी फर्ज़ी धार्मिकता पर एक लुहार की.
शायद यही होना था जुदा होना था, तुझको सिर्फ़ मेरा ही ख़ुदा होना था! शायद यही होना था जुदा होना था, तुझको सिर्फ़ मेरा ही ख़ुदा होना था!
अँधेरा हो भले कितना, ये सूरज खिल ही जाता है। अँधेरा हो भले कितना, ये सूरज खिल ही जाता है।