खामोश प्यार
खामोश प्यार
वो मुझे दिल से
है चाहती
परंतु कुछ नहीं बोलती
उनकी ख़ामोशी
सब कुछ है बोलती।
उनके सामने हम
कुछ न बोल पाये
पर हमारी ख़ामोशी
ने सब कुछ बयां कर दिया।
दस्तक और आवाज
से कान सुनते हैं
केवल रुह वाले ही
खामोश प्यार को
समझते हैं।
प्यार में ख़ामोशी
नहीं होती बेवजह
खोजने से मिलती
है इसकी वजह।
सच्चा प्यार खामोश
रहता है
सब कुछ सहता है
पर कभी
कुछ नहीं कहता है।
उनकी ख़ामोशी में
भी प्यार
झलकता है
दिल उनसे मिलने
के लिए तरसता है।
जरुरी नहीं
कि सब कुछ मुँह
से बोला जाय
सच्चे आशिक
ख़ामोशी की
भाषा भी
समझते हैं।
