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Shyam Kunvar Bharti

Others

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Shyam Kunvar Bharti

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काहे भुला गइलू |

काहे भुला गइलू |

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दिलवा लगाके काहे भुला गइलू

भईल केवन कसूर काहे कोहा गइलू,

तोड़ दिहलु दिलवा काँच के टुकड़ा जईसन

लगे सुरतिया तोहार चाँद के मुखड़ा वईसन।


छोड़ी हमके काहे रुला दिहलु

दिलवा लगा के काहे भुला गइलू

पवन झंकोरा उड़े केसिया बड़ा निक लागे चमचम चमके लाल बिंदिया बड़ा निक लागे।


कोमल दिलवा ठोकर लगा गइलू

दिलवा लगा के काहे भुला गइलू

आवा तोहे दिलवा के रानी हम बनाइब

प्रेमवा के गितिया गाई के हम सुनाइब।


बिना रे कसूर काहे दगा दिहलु

दिलवा लगा के काहे भुला गइलू

सथवा निभाइब हमसे किरिया खियाला

छोडब नाही संग तोहरो बतिया पतीयाला।


केवन सवरिया गोरी लोभा गइलू

दिलवा लगा के काहे भुला गइलू।






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