जय हिंद
जय हिंद
यहां पर राम जन्मे थे यहीं पर जन्मे थे गोविंद
यहां के संत ज्ञानेश्वर परमहंस और श्री अरबिंद
रही देवों की भूमि है ये हिंदुस्तान सदियों से
कहो जय हिंद कहो जय हिंद कहो जय हिंद।
अमर पौरुष का अपने दे गए जो याद भारत को
अपने बल का दे गए ठोस एक बुनियाद भारत को
दिवस आजादी पर सादर नमन दिल से मेरा उनको
जिन्होने जान देकर है किया आजाद भारत को।
सदा ही देशभक्ति राग का बजता मृदंगा हो
सभी में देशभक्ति भाव की बहती सी गंगा हो
भले हम हों या न हों नहीं है फर्क कोई भी
नभ को चूमता लेकिन सदा अपना तिरंगा हो।
वीर पुरोधाओं की ये आन-बान है
ये हिंद का गौरव है और शान है
संसार में ध्वज और भी होंगे बहुत लेकिन
अपना तिरंगा देशवासियों की जान है।
मिथकें सभी तोडे़गें ये वादा है हमारा
ना कसर कोई छोडे़ंगे ये वादा है हमारा
जो आंख कोई हिंद या तिरंगे पे उठी
उस आंख को फोडे़ंगे ये वादा है हमारा।
