जय गणेश देवा
जय गणेश देवा
जय जय श्री गणेश जी,
जय जय श्री पार्वती नंदन,
ज्ञान और बुद्धि के देवता,
तेरी जय हो है प्रभु।
एक दांत तुम हो करुणा के सागर,
सुनते हो भक्तो की पुकार को,
दिखलाते हो मार्ग प्रभु,
करते हो ठीक बिगड़े काम को,
सुधारते हो भक्तो की जिंदगी,
तेरी महिमा क्या बखाणु मैं प्रभु,
जय हो शिव -पार्वती पुत्र श्री गणेश जी।
मुशक राज की करते हो सवारी,
प्रथम पूज्य होते हो भगवन,
जिन के लेने से नाम बन जाये बिगड़े काम,
श्री गणपति तेरी हो जय जय कार,
तेरी जय हो है प्रभु।
तेरी बुद्धि का ना कोई पार,
तेरी महिमा है अपरम्पार,
है करुणा के सागर,
है दयावंत चार भुजा धारी,
मोदक है जिनके सबसे प्रिय,
रखना हमेशा अपने भक्तो पर आशिर्वाद,
है सिद्धिविनायक श्री गणेश जी,
जय हो है प्रभु तेरी जय हो।
जय श्री गणपति, जय श्री गणेश जी।
