जरा देखो तो
जरा देखो तो
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कैसी खूबसूरत है शाम का रंग जरा देखो तो
अवनि में छाए बादलों का उमंग जरा देखो तो
दिलकश नज़ारों से खिल उठी है प्यारी धरती।
दामिनी दे रही फुहारों का संग जरा देखो तो।।
हरे भरे पेड़ पौधे कितने सुन्दर खिल उठे हैं आज।
सुमन को बूँदें छेड़ रहा, हो रही वो तंग जरा देखो तो।।