STORYMIRROR

Deepak Tyagi

Others

2  

Deepak Tyagi

Others

जलते ख्वाबों को लिए खुश्क पलकों के तले

जलते ख्वाबों को लिए खुश्क पलकों के तले

1 min
14K


जलते ख़्वाबों को लिऐ ख़ुश्क  पलकों के तले
फूँक के दर्द को हम सुलगे दीपक बन गये

दिल की सुनी गलियों से आवाज़ें हैं आई
कोहरे के धुँऐ में लिपटी आरज़ू चली आई
हसरतों की गर्मी से हम तप के फिर सुलगने लगे

साँसे फिर तेज़ चली यादों में उलझने लगी
नब्ज़ थमने लगी तकलीफें ख़र्च होने लगी
रस्मों की तपिश में हम आग बन दहकने लगे

 


साहित्याला गुण द्या
लॉग इन