जिंदगी की परीक्षा
जिंदगी की परीक्षा
चाहें खुशियों के पल हो,या दुःख के बादल क्यों ना छाए हो,
उम्मीद की कोई किरण हो,या डगमगाता हमारा हौसला हो,
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर, सुख दुःख का आना जाना तो लगा ही रहता है,
पर जो गम में भी मुस्कुराना सीख गया हो,
जो अंधेरे में भी उम्मीद की किरण बन गया हो,
जो हार की चौखट पार करके अपनी मंज़िल को छू गया हो,
ज़िन्दगी में आए हर मोड़ पर जो सुख दुःख का साथी बन गया हो,
समझो, ज़िन्दगी की परीक्षा में वो सफल हो गया।।
किसि का घर खुशियों की रोशनी बन हर पल जगमगाता है,
तो किसि की ज़िन्दगी में कठिन परिस्थिति का सामना करवाता है,
जहां कोई आसमान की उड़ान भर रहा है,
तो कोई धीरे - धीरे ही सही लेकिन अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है,
हार कर बैठने से अच्छा क्यों ना कोशिश की जाए,
ज़िन्दगी की परिक्षा में क्यों ना सफल हुआ जाए।।
असफल और सफल दोनों व्यक्तियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है,
जो लड़ कर जीत कर बिखरने के बाद भी कोशिश करता है,
वही ऊंचाई और बुलंदियों का सामना कर पाता है।।
ये ज़िन्दगी की परीक्षा कठिनाइयों के साथ साथ बहुत कुछ सिखाएगी,
गिर कर संभलना,टूटकर बिखरना,
अगर चाहत है कुछ पाने की, कुछ कर दिखाने की,
मन में है आशा और जुनून है कुछ पाने की
तो तो ज़िन्दगी की परीक्षा ही हमारी सफलता लाएगी,
अपनी मंजिल से यही सामना करवाएगी।