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Pandey Sarita

Others

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Pandey Sarita

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ज़िन्दा है तुममें..

ज़िन्दा है तुममें..

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कितना आसान है ना

घृणा?

अपने इच्छा विरुद्ध

किसी क्रिया की प्रतिक्रिया में,

मैं भी चाहती हूँ,

औरों के नकल में

कुछ घृणा कर लेना।

मन की भड़ास मिटा लेना।

चीख और चिल्ला लेना।

पर......

तभी याद आती है

रक्त-संबंध और

रिश्तों की यथार्थ के साथ

मृत्यु...

एवम् क्षणभंगुर

जीवन की सच्चाई!

हूँ...जम जाता है सबकुछ।

हाँ..हाँ सबकुछ

क्रोध...!

घृणा...!

असंतोष

मन का बवंडर थम जाता है।

कुछ ऐसा अनुभव किया है क्या तुमने?

अगर हाँ!

तो इसका मतलब कि

कुछ भावना-संभावना

ज़िन्दा हैं तुममें!

  


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