जीवन में बन पाऊं एक सुपरमैन
जीवन में बन पाऊं एक सुपरमैन
मेरा नाम
भोलूराम
जैसा नाम
करता वैसे काम
सुख में दुख में
होता शामिल
आता मैं सबके काम
तन से कमजोर
मन से स्ट्रांग
चार आंखें मेरी
दो आगे दो पीछे
बारह मेरे हाथ
नाक मेरी सब सूंघ लेती
और हर बात को सही से
फिल्टर करके सुनते मेरे
खड़े हुए कान
मैं भागने पर उतर आऊं तो
इतनी रफ्तार मेरी कि
किसी के हाथ न आऊं
मैं कहीं खड़ा हो जाऊं तो
तिनके सा दुबला पतला इतना कि
किसी को नजर भी न आऊं
कभी दुख की घड़ी में कोई
मुझे पुकार कर तो देखो
हनुमान सा ही एक रक्षक की
भांति
संजीवनी बूटी लेकर
उसके जीवन के बचाव हेतु
एक हवा के तेज वेग सा
पलक झपकते ही
वहां पहुंच जाऊं
बड़े काम की चीज मैं
मेरी शक्ल देखकर कहीं
गच्चा न खा जाना
मेरी अक्ल देखना कितनी
तेज है
जरूरत पड़ने पर
एक बार इसे अवश्य आजमाना
मेरा जीवन में बस एक ही
सपना है कि
इस दुनिया में कोई
अजनबी नहीं
मेरा तो हर कोई
अपना है
कोई मुझे प्यार करे या
न करे
मैं सबको प्यार करता हूं
मेरे अपने भी मुझे
ठुकरायें पर
मैं सबको अपना बनाकर
चलता हूं
सबका सम्मान करता हूं
सब पर जान छिड़कता हूं
मेरी भगवान से बस
यही एक प्रार्थना
यही एक कामना
यही एक मन में भावना कि
कभी मेरे अंदर जो इंसानियत
पलती है
उसे मत मारना
सबके लिए आदर और
जो सेवाभाव है उसे कभी
कम मत करना
हे प्रभु मुझे हमेशा इस
योग्य बनाये रखना कि
मैं अपने जीवन के
आखिरी पल तक
सबके काम आता रहूं
मेरे पर यह मेहर बरसाना
मुझे सद्बुद्धि देना
मेरे हाथों कभी किसी का
बुरा न हो
ऐसा आशीर्वाद देना
मैं जीवन में
हीरो नहीं
सुपर हीरो नहीं
बल्कि बन पाऊं
किसी दिन एक सुपरमैन
जो अपनी ताकत से
पता लगा ले
सबके दिल का हाल
समय पड़ने पर करे उनकी
मदद और
बनाये सबका जीवन खुशहाल।
