होली आई होली आई
होली आई होली आई
रंगों का त्योहार होली, खुशियों की बौछार होली ,
हरा , लाल, गुलाबी नीला पिचकारी में रंग है पीला ।
सबके चेहरों पे खुशियां लाए होली ,
ग्रीष्म ऋतु की आहट सुनाए होली ।
भक्त प्रहलाद की याद दिलाए
होली, बुराई पर अच्छाई की जीत बतलाए होली
प्यार बढ़ाती नफ़रत मिटाती रंगों से सराबोर कर जाती होली ।
चुन्नु-मुन्नु भी देखो आज ,
भर-भर कर पिचकारी लाए
काका -काकी, चाचा-चाची, दादा-दादी, फूफी को
भी भर-भर कर रंग लगाए ,
भूल करके मेरा-तेरा आज दूश्मन को भी गले लगाएं ।
रसगुल्ला, बर्फी गालों, चटपटी पकौड़ी का लो,
गुझिया का लो मांग पी लो , लेकिन एक वादा भी कर लो ,
नहीं करना कभी कुसंग, खूब डालो एक दूजे पे रंग ।
निकली देखो मस्तों की टोली गली-गली में खेले होली ।
हिन्दु- मुस्लिम का भेद मिटाओ , रंगों की बरखा बरसाओ ।
पिचकारी में जोर बहुत हैं ,बन्दूक में ही रहने दो गोली ,
छोड़ दो कड़वाहट सारी, अब तो बन जाओ हमजोली ।
मन में नहीं रखना कपट-छल ,
ऊंचा रंगों सदा अपना मनोबल ।
फिर से सजेगी रंगों की महफ़िल ,
प्यार की मधुर धारा बनेगी होली ।
आई होली, आई होली , भर-भर खुशियां लाई होली।