हिसाब रख
हिसाब रख
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एक एक सांस का हिसाब रख
क्योंकि सांसे बेशकीमती है लेकिन
मोहब्बत हो या नफ़रत बेहिसाब रख
ज़िन्दगी के इस सफ़र मे ना किसी का उधार रख
चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए
ऐ दोस्त मेरे अपनी चाहत और वफाएं बरकरार रख।।
