हिन्दी ही दोस्तों
हिन्दी ही दोस्तों
1 min
178
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों,
मेरे लिए महान है, हिन्दी ही दोस्तों।
जो भी लिखूँ वही पढूँ, देखो तो खासियत,
हम सबकी आन-बान है, हिन्दी ही दोस्तों।
अपनों के द्वारा नित्य, प्रताड़ित करी गई,
अब भी लहू-लुहान है, हिन्दी ही दोस्तों ।
हिन्दी बिना लगती है, अधूरी सी ज़िन्दगी,
"शमा" के लिए जान है, हिन्दी ही दोस्तों ।।