अपनों के द्वारा नित्य, प्रताड़ित करी गई, अब भी लहू-लुहान है, हिन्दी ही दोस्तों । अपनों के द्वारा नित्य, प्रताड़ित करी गई, अब भी लहू-लुहान है, हिन्दी ही दोस्त...