STORYMIRROR

Abhishek Singh

Others

3  

Abhishek Singh

Others

हिंद की राजकुमारी !

हिंद की राजकुमारी !

1 min
306

क्यूँ ख़ाक किया क़ुर्बान,

किया जीवन अपना दान।


बचाया मिट्टी का अभिमान,

जब ना होना था तेरा ही सम्मान।


क्यूँ ख़ुद का दिया बलिदान,

महिला होना था अभिमान।


जब न जन्मा था हैवान,

क्यूँ ख़ाक किया क़ुर्बान।


किया जीवन अपना दान

जब पुरुषों में था न पुरुषार्थ।


बढ़ाया महिलाओं का स्वाभिमान,

दिलाया बराबरी का सम्मान।


उड़ाया गगन में ख़ूब विमान,

फिर क्यों पीड़ित तेरी ही संतान।


जिसका बेटी दिया तूने नाम।

क्यूँ बदलता न इंसान।


क्यूँ समझता न इंसान,

क्यूँ पालता ये हैवान!


अब तो समझो रे इंसान,

अब तो समहलो रे इंसान।


घर में पालो न हैवन,

घर में पालो न शैतान।


बेटियाँ होती हैं धनवान,

बेटियाँ होती हैं सम्मान,

बेटियाँ होती हैं अभिमान।


Rate this content
Log in