है ये देश मेरा !
है ये देश मेरा !
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है ये देश मेरा
जहां की हर बात निराली,
आते - जाते
दिन-रात का क्या कहना,
वो ऊषा की लाली
वो चहचहाते पक्षी,
वो संध्या का झुरमुट
वो जाता रवि
वो आता शशि,
वो करते झींगुर झुन-झुन
हैं जैसे ,,,,,
मेरी पायल की रुनझुन,
वो कोयल की कूहुकू
वो पत्तों की हरियाली,
वो गमक महुआ की
वो खुशबू फूलों की,
वो महकता गुलशन
है जैसे ,,,,
सुगंध तेरी सांसों की !