गुजारिश
गुजारिश
मेरी तलाश में
गुलशन पाने की
ख्वाइश अभी भी है ।।
किसी दिल को
तेरी मोहब्बत की
गुजरिश अभी भी है ।।
जहां मिला करते थे
ओ हंसी वादियां
ओ मंदिर का कोना
अभी भी इंतजार करता है ।
हवा के हर झोके सें
मेरे इश्क का इजहार करता है ।
जन्नत पाकर क्या करूं
बगैर तेरे जिंदगी में
गुंजाइश अभी भी है ।।
वफा की राह में
तडप रही है मोहब्बत ।
सारे जहां में
इबादत ही है इबादत ।
तुम्हारे सिवा हर किसी को
मिलने की है इजाजत ।
ये वक्त ने ली मेरी
अजमाइश अभी भी है ।।
झूठी ना थी
ओ कस्मे ,ओ वादें।
जी रही हूं पल पल
संग लिये तुम्हारी यादे ।
जो वक्त तुम्हारे साथ
गुजारा था
वही एक जिंदगी ने
दिया नजारा था
तुमसे अलग करने की
किस्मत की साजिश अभी भी है ।।
क्या कह रही है
काली घटायें ।
बिजली क्यों
शोर मचाये ।
हवाओं ने रुख
मोड लिया है ।
ये कैसा अनोखा
बंधन जोड दिया है ।
जो जी रही हूं हंस हंस के
ओ वक्त के साथ की
नुमाइश अभी भी है ।।
किसीं दिल को
तेरी मोहब्बत की
गुजारिश अभी भी है ।।