देखते है
देखते है
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उस नाम से जुड़ा कोई नाम देखते है
इक दिन बग़ैर उन के भी शाम देखते है
यूँ छोड़ के भी देखा है एक बार उस को
अब फिर से छोड़ उसका अंजाम देखते है
आराम से तेरे दिन बीते है बे-ख़ुदी में
अब आँख खोल ग़म-ए-अय्याम देखते है
मैं ने सुने बहुत है क़िस्से वफ़ा के सो अब
पाबंद-ए-वफ़ा का नीलाम देखते है
जलते शहर के जलते लोगों को देखने चल
या यूँ करे कि ख़ुद का आलाम देखते है