ग़ज़ल : मैया सरस्वती का दीदार
ग़ज़ल : मैया सरस्वती का दीदार
मैया सरस्वती, जिसे तेरा दीदार होता है,
उसके जीवन में ज्ञान का भंडार होता है।
प्रणाम जिसका तुमको, स्वीकार होता है,
उसके मन में ज्ञान अगम अपार होता है।
मैया सरस्वती……………
मैया बसंत पंचमी है, अपना दीदार करा दे,
अज्ञानता के सागर से, नैया पार करा दे।
अपने चरण रज का, एक कण दे दो हमें,
आज सारे संसार को तेरा इंतजार होता है।
मैया सरस्वती…………..
यह जीवन, तेरे चरणों का हो गया दास,
अगर तुझे एहसास, तो इंसान वह खास।
मानव जीवन उसका, सफल हो जाता है,
तेरा ज्ञान जिस नैया का पतवार होता है।
मैया सरस्वती…………
हे देवी पद्मासना, आज सुनो मेरी पुकार,
अपने पावन दीदार का, दे दो न उपहार!
हर अभिशाप तेरे आगे, वरदान बन जाता,
तेरा ज्ञान ही, जीवन का आधार होता है।
मैया सरस्वती…………..
