हाँ, अपने इस ग़म को तुम, बिना किसी हिचकिचाहट, बाँट सकती हो साथ मेरे... हाँ, अपने इस ग़म को तुम, बिना किसी हिचकिचाहट, बाँट सकती हो साथ मेरे...
इसने हर एक बेटे को दुर्योधन... हर मामा को कंस बना रखा है इसने हर एक बेटे को दुर्योधन... हर मामा को कंस बना रखा है
कुछ कहने लायक़ मैं हूँ कहाँ? जो मैंने किया तुम्हारे साथ - वह भी तो 'वफ़ा' कहाँ था ? कुछ कहने लायक़ मैं हूँ कहाँ? जो मैंने किया तुम्हारे साथ - वह भी तो 'वफ़ा' कहाँ थ...
अपने क़दमों की आहट लगे कभी तुम्हारी सी और अपनी आवाज़ में से तेरी आवाज़ आती है...! अपने क़दमों की आहट लगे कभी तुम्हारी सी और अपनी आवाज़ में से तेरी आवाज़ आती है.....