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Varun Singh Gautam

Others

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Varun Singh Gautam

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एक कवि की मौत

एक कवि की मौत

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 कविताओं में जीवन जीना कितना 

मुश्किल होता है न!

कल्पनाओं के सुदूर इलाकों में 

चिड़ियों के घोंसले में बैठी उपलब्धियाँ 

उतना सार्थक नहीं है जितनी होती हैं कवि की कविताएँ 

अपने यथार्थों से परे लिखते हैं वे मनुष्य की सभ्यताएँ 

इस जद्दोजहद में कवि होना समाज के विपरीत 

आतंक को जन्म देता है 

जिस रेगिस्तान के ऊपर पनपता है 

एक सभ्य देश का होना 

उस रेगिस्तान का हठीला मैं अकेला कवि हूँ,

जिसे सरकार ने फ़रमान जारी कर देश निकाला दे दिया है 

उस कविता का मुजरिम होना उस कवि के लिए सौभाग्य की बात होती है 

इस सौभाग्य के कारागार में अकस्मात् एक कवि की मौत !

एक दुःखद घटना है।


विश्व कविता दिवस पर विशेष।


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