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Abhishek Singh

Others

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Abhishek Singh

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एक है मिट्टी ।

एक है मिट्टी ।

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एक है मिट्टी एक है वतन

फले फूले हमारा चमन।

गुलशन में, इस बगियन में,

तरह तरह के फूल खिलें।

कोई मंदिर,कोई मस्जिद,

तो कोई कफ़न में यहां मिले।

इनकी मनमोहक सुगंध से,

चमन का हर बाग़ान सजे।

तोड़ो न इन्हें,अगर तोड़ा तो,

मिट्टी के लिए,मिट्टी में जा मिले।

कठपुतली हैं हम,तेरे हाथ की।

तोड़ मुझे,ला वतन के काम।

या फलने फूलने दे मेरा बाग़ान।


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