एक दिन की कीमत
एक दिन की कीमत
आकाश बिगड़ा हुआ शख्स, मां-बाप की कोई इज़्ज़त नहीं, पैसे की परवाह नहीं ।
बाईक से जा रहा था रैड-लाईट पर रूका तो पास से सत्संग के कुछ शब्द
कान में पड़े कि एक दिन के लिए भी मां-बाप की सेवा करें, उन्हें खुशियां
दे तो ईश्वर आपको बहुत खुशियां देता है ।
घर जाकर मां-बाप के चरण छुए
उन्हें मन्दिर ले गया, साथ वक्त बिताया, अचानक पिता को हार्ट-अटैक आ गया,
जीवन समाप्त, लेकिन जाते हुए
उनके चेहरे पर मुस्कान थी कि बेटा वापिस मिल गया उन्हें ,
चाहे एक दिन के लिए ,आकाश भी एक दिन की कीमत समझ गया ।
