दोस्तो की दोस्ती
दोस्तो की दोस्ती
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कुछ रिश्ते है पराये
पर अपने से लगते है,
न जाने क्यूं वहीं दिल से
जान से ज्यादा प्यारे होते है।
रूठे हम तो वो मनाएं
कभी हसीं में भी रुलाए,
ग़मों की धूप में छाव बनते है
जीत में मेरे जशन वो मनाते है।
कभी हक़ जताकर सताए
तो हसीं बनाकर गले से लगाये,
हो गलती तो उसे वो सुलझाये
हाथ थामे सही रास्तो में वो चलाये।