दोस्ती
दोस्ती
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चले थे मंज़िल की खोज में
पर रास्ता भा गया
निकले थे अकेले सफर
तय करने पर राह में कुछ
अपने से दोस्त मिल गये
ना अब मंज़िल की है परवाह
ना कठिन रास्ते की
अब तो बस हर रास्ते में
इन यारों की यारी चाहिए
कल को मिल भी जाये मंज़िल
पर सफर मेरे दोस्तों से हुआ सुहाना
अब तो दुआ रहती है रब से भले
बढ़ जाये ये रास्ता पर साथ ना
छूटे यह दोस्तों का
