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Lakshman Jha

Others

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Lakshman Jha

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दोस्ती में संकीर्णता कैसी ?

दोस्ती में संकीर्णता कैसी ?

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हम आपको दोस्त 

बनायेंगे,

फेसबुक के पन्नों में 

सबको दिखायेंगे।

हमने भी जंग जीत ली है,

विजय पताखा हम भी लहरायेंगे।

आप मेरी कृतिओं को 

लेख, रचना और मेरी कविताओं को 

नजर अंदाज कैसे करेंगे ?

हम तो क्षण -क्षण 

कुछ अंतरालों के बाद 

थोड़ा कुछ हेर -फेर करके 

आपको दिखाते ही रहेंगे।

लाइक वाली प्रक्रिया

लघु कमेंटों से 

जुड़ने का बहाना 

आपको करना ही पड़ेगा।

हमारी बातों से 

हो सकता है कभी  

आपको एतराज हो 

'अनफ्रेंड ' शस्त्र का उपयोग

 हमको करना पड़ेगा।

हमें कहाँ फुर्सत है यारों ?

हम तो इतने व्यस्त है,

अपने आन्दोलन और संस्था के 

कार्यक्रमों से हम त्रस्त है।

दोस्ती हमारी फेसबुक के पन्नों 

तक ही सीमित है,

बाहर में हम तो मिल सकते है

पर हमारे टाइम लाइन 

हमारे लिए ही निहित है।

आप यदि कुछ भी लिखेंगे 

मेरे इन पन्नों में 

हम नहीं स्वीकार इसको 

कभी कर सकेंगे,

आपके इस दृष्टता को 

हम कभी ना सह सकेंगे।

दोस्ती है दो दिलों का मेल 

सहयोग, भाईचारा से

पनपती है, हमारी मित्रता  

'टाइम लाइन' 

को प्रतिबंधित 

करने से छलकती है 

हमारी दृष्टता।


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