STORYMIRROR

Neelam Sharma

Others

3  

Neelam Sharma

Others

दोहे

दोहे

1 min
370

अनुपम मनमोहक छटा, निकट शीत का अंत।

शुक्ल पंचमी माघ की, मनभावन सु- बसंत।।


महाविद्या सुरपूजिता, करो जगत कल्याण।

शुभदा आपके ज्ञान से, पाऊँ पद निर्वाण।।


सृजन करूँ निस नव नया, नैतिक और विशेष ।

लेखन करे समाज से, दूर बुराई द्वेष ।।


मधुमय वाणी बोल हों, फूलों सी मुस्कान

ज्ञान बुद्धि दे दो हमें, मिटे समूल अज्ञान।।


नीलम को करना प्रबल, सद्बुद्धि दो सुमात।

धवल पंकज विराजतीं, ब्रह्मा जी के साथ।।



Rate this content
Log in