देखें जो नज़र मेरी
देखें जो नज़र मेरी
देखे जो नज़र मेरी
इक तू ही है कली
कभी फीके पड़े न रंग
तू सौ रंगो में है ढली 2
लिया है जो ख़ुशी
वो मेरे संग ढली
सदा तुम ख़ुश रहो
वो मेरी मनचली
देखें जो नज़र मेरी....
कोई गम आये या
फ़िर वो जाएं
उसे मुस्कुराके हटा देना
कोई तूफ़ा जो रूबरू गुजरे
उसे खुश्बू समझके यूं
तुम मुस्कुराकर तुम हंस हंसकर
उसे तुम यूं ठुकरा देना।
देखें जो नज़र मेरी
इक तू ही है कली
कभी फीके पड़े न रंग
तू सौ रंगो में है ढली 2
बस कुछ बात है गम की रात
ये अंधियारा ये सुहाना
ये होंठो की है मुस्कान तेरी
रूठकर मुझसे मत जाना
नहीं होगा कोई आशिक़
मेरे जैसा ये पागल दीवाना
देखें जो नज़र मेरी
इक तू ही है कली
कभी फीके पड़े न रंग
तू सौ रंगो में है ढली 2
जहां तू है वहां नज़रे,
मेरे दिल में तेरी चाहत है।
तू टहनी है तो डाली मैं
तेरे दिल में मेरी हसरत है।
तू हंस दे तो मेरी दुनिया
तेरे लिए अब दिल मेरा राहत है।
देखें जो नज़र मेरी
इक तू ही है कली
कभी फीके पड़े न रंग
तू सौ रंगो में है ढली 2
गाने के धुन- लिखे जो ख़त तुझे
फिल्म- कन्यादान
