चोरी पकड़ी गई
चोरी पकड़ी गई
जीत और मीत दो सगे भाई है,परन्तु दोनो भाईयों में रात-दिन का अंतर है।जीत चाँद है,तो मीत सूरज है।मतलब यह है की,जीत का मिज़ाज सौम्य है।मीत का स्वभाव उग्र है।जीत पांचवी कक्षा में पढ़ता है।मीत कक्षा तीन में पढ़ता है।जीत पढ़ने में होशियार है,साथ ही उसकी लेखनी भी बहुत सुंदर थी।मीत पढ़ने में तो बहुत होशियार था,परन्तु उसकी लेखनी कमज़ोर थी,साथ ही वह बहुत लड़ाकू भी था।ऐसे ही समय निकल रहा था,सब जीत की तारीफ़ करते थे, मीत की कोई तारीफ़ नही करता था।एकदिन की बात है,मीत और जीत की तृतीय परख परसो थी,पर यह क्या सबको रुलानेवाला मीत चुपचाप कमरे के एक कोने में बैठकर रो रहा था।वह जीत और मीत का पढाईवाला कमरा था।उस समय उनके मम्मी-पापा भी घर पर नही थे।जीत ,मीत के रोने की आवाज से परेशान हो रहा था।आखिरकार जीत ने अपनी पढ़ाई रोककर,मीत के रोने का कारण पूंछा।मीत ने बताया उसकी अंग्रेजी की मेम ने 35 पेज का होमवर्क दिया है और कहा जिसने परसो होमवर्क चेक नही कराया,उसे परसो की तृतीय-परख परीक्षा में जीरो नम्बर दूंगी।जीत को उस पे दया आ गई।उसने मीत का होमवर्क करना शुरू किया।पर मीत का होमवर्क करने की वजह से वो अपनी पढ़ाई नही कर सका।इधर मीत ने अपना होमवर्क,अपने भाई से पूरा करवा लिया।इसका परिणाम यह हुआ मीत के तो तृतीय परख में अच्छे नम्बर आ गये,परन्तु जीत के तृतीय परख में बहुत कम नम्बर आये।
परन्तु लेखनी की वजह से मीत की मेम को मीत पर शक हुआ,परन्तु मीत बहुत चालाक था।उसने बहुत जल्द सारा होमवर्क याद कर लिया था।जब मीत की मेम ने उसकी परीक्षा ली तो उसने सारे प्रश्नों का जवाब दे दिया।मीत को जीत के कम नम्बरों के बारे में पता था।वह उसको धन्यवाद देने के बजाय उसे उल्टा ब्लैकमेल करने लगा।तू मेरा होमवर्क किया
कर,नही तो पापा-मम्मी को तेरे कम नम्बरों के बारे में बता दूंगा।पापा-मम्मी कहीं दुःखी न हो इस डर से वो चुपचाप मीत का होमवर्क कर दिया करता था।मीत की मेम उसकी लेखनी में आये अचानक परिवर्तन से बहुत हैरान थी।ऐसा करीब एक महीने तक चलता रहा।एकदिन अचानक बिना सूचना दिये शाम को मीत की मेम घर पर आ गई।उस समय मीत की माँ खाना बना रही थी।उसके पापा ऑफिस का काम कर रहे थे।इसी वक्त मीत, जीत से अपना होमवर्क करवाता था।मीत की मेम के अचानक आने से उसकी माँ हैरान थी,मीत की माँ को उन्होंने मीत के बारे में इशारे से पूंछा।उसकी माँ दायीं ओर ईशारा किया।मीत की मेम चुपके से पढाईवाले कमरे में चली गई।उन्होंने देखा मीत का काम जीत कर रहा है,मीत पैर पसारे लेटा हुआ था।मेम ने जीत को डाँटा, जीत रोने लगा।मीत भी मेम को देख हक्का-बक्का रह गया था।उनकी आवाजे सुनकर उनके मम्मी-पापा दौड़कर आये।उन्होंने जीत को रोने का कारण पूंछा,जीत ने रोते-रोते मीत की सारी सच्चाई बता दी।अब होमवर्क वाला चोर पकड़ा गया था।सबने मीत को बहुत डांटा।मीत से उसके मम्मी-पापा,उसके टीचर कोई बात नही करता था।यहां तक की उसके दोस्तों ने भी उससे बोलना बन्द कर दिया।ऐसा 2-3 दिन रहा।मीत को अपनी गलती का अहसास हुआ।उसने अपनी मेम से माफी मांगी।मेम ने उसे माफ़ कर दिया औऱ साथ ही हिदायत दी,अब भविष्य में ऐसी गलती मत करना।इसके बाद उसने अपने मम्मी-पापा से माफी मांगी।मम्मी-पापा ने उसे माफ कर दिया औऱ कहा माफी मांगनी है तो अपने भाई से मांग तू उसका गुनहगार है।मीत, जीत के पास आंखों में आंसू लेकर जाता है,भैया प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो।में अब ऐसा कभी नही करूँगा।आपके जैसे ही मेहनत करूँगा।जीत उसे माफ कर देता है।और रोते हुए गले लगा लेता है।तू रो मत में सदा तेरा साथ दूंगा।