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Shyam Kunvar Bharti

Others

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Shyam Kunvar Bharti

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चले विवाह रचाने

चले विवाह रचाने

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शिव जी चले विवाह रचाने

गौरा जी वर माल पहनाने,

संग बारात भूत प्रेतो की टोली चली

भालू बंदर नाग नाथ हमजोली चली,

रूप डरावन दूल्हा लगे डराने

शिव जी चले विवाह रचाने!

देख दूल्हा रूप मैना चिंतित हुई है

कैसा होगा विवाह डर किंचित हुई है,

नारद बुलाई लगी कुंडली मिलाने

शिव जी चले विवाह रचाने!

नंदी सवारी गले भोला पहने सर्प माला

लगाए भभूति तन अंग लपेटे मृगछाला

सजीला दूल्हा बनो गौरा लगी मनाने

शिव जी चले विवाह रचाने!

कर त्रिसुल और डमरू डम डम बाजे

भूत बैताल भालू बंदर छम छम नाचे

मन ही मन गौरा लगी शिव समझाने

शिव जी चले विवाह रचाने!

सुन गौरा विनती दूल्हा सुंदर रूप बनाया

देव लोक के देवता स्वर्ग फूल है बरसाया

ब्र्म्हा विष्णु देव चले शिव विवाह कराने

शिव जी चले विवाह रचाने!

गगन मगन हुआ लगन अब संपन्न हुआ

विवाह कराई शिव पार्वती कैलाश गमन हुआ

देखि शिव विवाह देव जन लगे हर्षाने

शिव जी चले विवाह रचाने!



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