बसंत बहार 🥀
बसंत बहार 🥀
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भंवरों ने फूलों पर,
छेड़ी है नयी तान,
देखो छायी है,
बसंती बहार !
कोकिल ने छेड़ी है,
पेड़ों पर नयी तान,
देखो छायी है,
बसंती बहार !
पेड़ों पर नव पलल्व,
ने ली है नयी सी मुस्कान,
देखो छायी है,
बसंती बहार !
बसंत के आगमन से,
बाग़ों में आयी है,
नयी सी बहार,
देखो छायी है,
बसंती बहार !
एक नई सी उमंग लिए,
एक नयी सी तरंग लिए,
धरती ने ओढ़ी है,
हरी चादर,
देखो छायी है,
बसंती बहार !
हवाओं मे भीनी -भीनी सी,
मिट्टी की महक,
चारों तरफ बसंत की छटा से,
दृश्य हुआ है आती मनोरम,
देखो छायी है,
बसंती बयार है !
