बरसात होने में वो घने झाड़ियों वाला फूल दिखता है
बरसात होने में वो घने झाड़ियों वाला फूल दिखता है
बरसात होने में वो घने झाड़ियों वाला फूल दिखता है
पीले फूल नारंगी फूल
तुम क्या उधर से आ रहे
जहाँ बयार में अब भी उसकी खुशबू है।
रेत ,नदी ,सीढ़ियाँ ,हरा RIBBON,
कबूतर के उड़ने की फड़ फड़
क्या तुम ये सब लेने आये हो।
शीशे से चमकता एक चेहरा
क्या वो चेहरा तुम्हारे प्रेमी का था ?
चुप रहने की कला जानता है कोई।
उसके पास चलो चलते हैं।
ग़ज़ल निगाह को नया बना देती है।
तुम एक Gentian का फूल ,
बरसात में भीगे एक दरख़्त की खुशबू भी लेते जाना
क्या पता अगले बरसात तक वो दरख़्त हो या न हो।
तुम्हें मुझसे कुछ नहीं कहना है ,
मत कहो
मगर फिर आना, मैं तुम्हें एक तोते की कहानी सुनाऊँगा
जो फूलों से रस चुराकर शराब बनाता है और मुझे दे जाता है।
