भोजपुरी शिव भजन -११ -श्याम सुं
भोजपुरी शिव भजन -११ -श्याम सुं
सोना न चांदी मुझको ,
श्याम सुंदर सजन चाहिए।
शुबह शाम करूँ तेरी भक्ति ,
शिव मुझको तेरा वचन चाहिए।
आया सावन छाई बहार है।
चढ़ाऊँ जल हर सोमवार है।
तेरी दासी तेरा वन्दन चाहिए।
उमा ने जैसे तुझको पाया।
कर व्रत भक्ति वर पाया।
चाहे वर मुझे ऐसा वरण चाहिए।
सोलह सोमवार नहीं करूँ हर बार।
फूल बेलपाती चढाऊं तेरे दरबार।
महके खशबू जीवन ऐसा सुमन चाहिए।
तेरी भक्ति की शक्ति जानती हूँ।
सदा शिव तुझको मै मानती हूँ।
मिले धुल चरण ऐसी लगन चाहिए।
जीवन अन्धेरा तू मिटा देना।
हो रोशनी जिधर तू दिखा देना।
मिले मन पीया मन मगन चाहिए।
जग का स्वामी तू अन्तर्यामी है तू।
उमा का प्यारा पति माँ भवानी है तू।
श्याम सावरे सजन मन चाहिए।
श्याम सुंदर सजन चाहिए।