कुछ पलों की साँसें रह गईं, क्या तुम मिलने आओगे ? कुछ पलों की साँसें रह गईं, क्या तुम मिलने आओगे ?
आज फिर साथ अपने जीने दे ,दो घड़ी प्यास में मुझे पीने दे। आज फिर साथ अपने जीने दे ,दो घड़ी प्यास में मुझे पीने दे।
देर रात को सोने का जो ये नियम बना है ,आधी बीमारियों का ये देह घर बना है. देर रात को सोने का जो ये नियम बना है ,आधी बीमारियों का ये देह घर बना है.