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Dishika Tiwari

Children Stories

4  

Dishika Tiwari

Children Stories

बचपन

बचपन

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जब नन्हे मुन्ने हुआ करते थे हम,

जब बहुत शरारत किया करते थे हम,


गलती कर कर भी मुस्कुराते थे हम,

वह भी कोई दिन हुआ करते थे जब छोटे थे हम,


मम्मी की गोदी में सोया करते थे,

पापा के कंधे पर चढ़कर बैठा करते थे,


गलती करने पर भी डांट नहीं पड़ती थी,

हाय मेरा लाल ऐसा मां कहा करती थी,


छोटे होने का फायदा उठाते थे हम,

वह भी कोई दिन थे जब छोटे थे हम,


गलती कर कर भी सच्चे हुआ करते थे हम,

वह भी कोई दिन थे जब बचपन में छोटे थे हम,


बचपन कभी लौटकर नहीं आता है,

सारी खुशियां बटोर कर बस यादें पीछे छोड़ जाता है।


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