STORYMIRROR

Anita Koiri

Children Stories

4  

Anita Koiri

Children Stories

बारहसिंगी का सबक

बारहसिंगी का सबक

1 min
244

जंगल में थे दो बारहसींगे

खुबसूरत सींग के मद में थे चूर

दोनों में से एक था भोला

एक था नटखट बड़ा सजीला

दोनों की थी प्रेमिकाएं ढेर सारी

पर वो दोनों ही मरते थे एक पर

जंगल की बारहसिंगी होनहार

उसको सींगों का घमंड न था

दोनों बारहसिंगे अड़ पड़े

बारहसिंगी के लिए लड़ पड़े

दोनों ने ढेर सारी चोटे खाई

और अंत तक करी भिषण लड़ाई

दोनों के कई सींग टूटे

अंत में बारहसिंगी पहुंची जब

उसने दोनों को समझाया तब

बोली रुप का न घमंड करो

सजने धजने का न पाखंड करो

प्रेम अगले से करने में पहले 

स्वयं से प्रेम प्रारम्भ करे।


Rate this content
Log in