अथ कोरोना चालीसा
अथ कोरोना चालीसा
जय जय कोरोना चीन, महादेश उजागर।
अति लघु रूप धरे फिरत, होत न दृष्टिगोचर।
जय जय कोरोना बीमारी।
सकल जग जानी महामारी।
नाहिन कोनू गले लगावा।
ऐसो मत मन नहीं सुहावा।
नगर वुहान जन्म जहां पावा।
कोविड कोरोना नाम जनावा।
उपजत ही भई अतिसंहारी।
तुम धरत रूप बहु अविचारी।
कोविड कोरोना जिनपिं नंदन।
त्राहि त्राहि करत सब जग क्रंदन।
प्रति क्षण रूप नवीन बनावा।
देखि लीला जगत भरमावा।
ज्ञान विज्ञान भए प्रतिकूला।
बीत दिवस मिटे न हृदय सूला।
मति जिनपिंग होत ना भलाई।
सकल जगत कोरोना पाई।
सूक्षम रूप धरि मन डरावा।
विकट रूप धरि बंद करावा।
भीम रूप धरि सब जन संहारे।
शी जिनपिंग जी के काज संवारे।
जिनपिंग चाहे भेजे वाही।
सब जग फैले अचरज नाही।
अखिल जगत दुख दारुण दीन्हा।
तुम जिनपिंग गोद आपन लीन्हा।
लक्षण सर्दी, खांसी,अरु बुखार।
लगत सरल पर महिमा अपार।
क्षण जग होय महामारी।
इलाज खोजन की लाचारी ।
कोरोना कथा दानव समान।
जाने केहि बाट हरत प्रान।
हे जिनपिंग चीन हितकारी ।
करत सदा मौत की रखवारी।
ओम जय जय जीनपिंग देवा।
कै विधि करूं तुम्हारी सेवा।
संकट बिचारि मनस बेहाला।
पुकारत सब राम रखवाला।
गोल चपटी नासिका निराली।
बुद्धि विधाता ने सभी हर ली।
सब जग करत महाचीन निन्दा।
भोज तुहार चमगादड़ परिंदा।
तुमहि विश्व कोरोना उजागर।
तुमही हो मौत के सौदागर।
ट्रंप जो कहहि सत्य होय जाना।
कोउ नाही दुष्ट तुम समाना।
तुमही कोरोना जन्मदाता।
अब जान बचाए अन्नदाता।
मन कपटी तन सतजन जाना।
मुदितनयन मुखअजगर समाना।
जिनपिंग राजा तुमरे पासा।
बसत सदा चीन महादेशा।
वुहान नगर जहां फैलाया।
आपन घर खुद ही जलाया।
सुहात न अमरीका जपाना।
प्रिय लगत नेपाल भूटाना।
तब जिनपिंग निज कथा बुझाई।
एहि विधि जग वस में कराई।
वायरस सब जग पसरत जात।
छूवत छींकत मचात उत्पात।
कोरोना के तुम रखवारे।
सकल दिन में दिखावत तारे।
देश ना बचा जगत में कोई।
जित भाग कोरोना न होई।
जहां तहां दिखत विचित्र परिधाना।
मुंह छिपा केहि विधि पहिचाना।
तुम उपकार जिनपिंगही कीन्हा।
लख लख प्राण जगत हर लीन्हा।
सुनत वचन कोलाहल भारी।
दिन दिन बढ़त जात महामारी।
तुमरे मंत्र पाकिस्तान माना।
आतंकवादी हो जग जाना।
सब मिलि देत जिनपिंगहि गारी।
एहि विधि करत राज हंकारी।
बिन अपराध जग सारा बन्दी।
भीड़ रोकन करनी पड़े सख्ती।
देख दुर्दशा ट्रंप लगाय आशा।
इस महाशक्ति का का भरोसा।
जब से तुम कोरोना फैलाय।
आवत देख जन मन भरमाय ।
खोया सुख खो दी आजादी।
दूर- दूर रहन रीत सिखा दी ।
बेचे दवा सब जग फैलाय।
आग लगाकर कुआं खुदवाय।
सुनि वचन मन भरोस पावा।
वैक्सीन तुरत जगत बनावा।
लॉक डाउन में रहन भारी।
ताने मारत घर - घर नारी।
संयम नाम अस्त्र इक हम पावा।
जा बल जग कोरोना हरावा।
सुनसान पड़ी हाट बाजार।
दिया सब कब आवे बहार।
जान खातिर सब भागन लगे।
जदपि बस नहि पैदल हि भागे।
वुहान शहर में जन्मा कीड़ा।
भोग रहा जग दारुण पीड़ा।
भई बिन काम प्रजा बिहाला।
निपट दुष्ट छीन लीन निवाला।
बाहर निकलो मुखपट लगाय।
घर आवत हि हाथ मुंह धुलाय।
ढकत मुंह आपनो नर नारी।
कियो अपराध कोनू भारी।
आइसोलेशन व क्वरंटीना।
सीखत जगत नित शब्द नवीना।
मास्क सैनिटाइजर लगाना।
नव रीत नव युग की निभाना।
दुर्मुख चीन कोरोना पठाय।
सकल जग पुकारत हाय हाय।
घर में होता रोज तमाशा।
यह कोरोना की परिभाषा।
बंद पड़ा जब से ब्यूटी पार्लर।
महिला भई बेशन पर निर्भर।
पछानि न जात निज गृहरानी।
मेक अप बिन लागत भूतनी।
बाल बड़े लागत सन्त फकीर।
सब समान क्या गरीब अमीर।
तुम करि विचार बाहरि आवा।
आपणी रक्षा करि सुख पावा।
बाहर डर जान का सतावा।
घर में रह करि जान बचावा।
पद पखारि गृह भीतर आवा।
करि अस्नान वस्त्र तुरत धुलावा ।
आगे कुआं पीछे है खाई।
जय जय जय कोरोना माई।
विनय सुन अपरूप भय कारी।
पंच शत कोटि शरणन तिहारी।
नित्य पढ़ कोरोना चालीसा।
दुष्ट नाहीं कोऊ जिनपिंग सा।
कछु रोग यह निकट नहिं आवै।
सम जम यम नियम आपनावै।
जब से पड़ी बंद पाठशाला।
दिखी ना मैडम दीपमाला ।
केही विधि सीखत वर्णमाला।
प्रवेश द्वार पर जड़ात ताला।
गुरु जी फिरात घर आंगना।
देन हेतु वर्क सीट का पन्ना।
बच्चे पूछत कब खुले शाला।
दादी जपत कोरोना माला।
गरज गरज घन सावन बरसे।
मनवा पिया मिलन को तरसे।
जे नर हो जिनपिंग का ताता।
ताहि घर कोरोना न आता।
जिनपिंग विनती सुनो हमारी।
लाज न आवत करत मक्कारी।
भारत नहि धनी तुम समाना।
केहि कारज करत अभिमाना
जिनपिंग का होवे सत्यानास।
दुवा करते मिले नरक वास।
जिनपिंग यो नाम चीन नरेशा।
देत नहीं कबहु शुभ संदेशा।
हे! चीनी जिनपिंग के साई।
अब वापस लौट चलो भाई।
जो कोउ करे जिनपिंग सेवा।
पावत सदा धन बल व मेवा।
कोउ काहि से हाथ न मिलाय।
बूझत रहिन मोहन कविराय।
भारत ने वैक्सीन बनाई।
मृत्यु निकट तेरी आज आई ।
हे!जग जननी हो नित सहाय।
घर में रह कोरोना भगाय।
निज निज पत्नी कहे समुझाई।
कबहु न भोजन बाहर पाई ।
मानवता का है शत्रु, जाको कुनाम चीन ।
फैलाय देश देश में, रोग अजब बुद्धि हीन ।
