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Prince Sharma

Others

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असमान में लाली

असमान में लाली

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पौधों में उत्साह बढ़ा

खिली थी उसमें एक कली 

पत्ते टहनी पर इठला रहे थे जैसे

सुबह-सुबह असमान में लाली थी


हुई नई शुरुआत जब 

चिड़ियाँ चहकी बागों में 

वह तो थी मगन जैसे 

सुबह-सुबह असमान में लाली थी


नदियाँ थी शांत क्योंकि 

मछलियाँ की अभी सवारी थी

लगा बिता है रात जैसे 

सुबह-सुबह असमान में लाली थी

                


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