असमान में लाली
असमान में लाली
1 min
355
पौधों में उत्साह बढ़ा
खिली थी उसमें एक कली
पत्ते टहनी पर इठला रहे थे जैसे
सुबह-सुबह असमान में लाली थी
हुई नई शुरुआत जब
चिड़ियाँ चहकी बागों में
वह तो थी मगन जैसे
सुबह-सुबह असमान में लाली थी
नदियाँ थी शांत क्योंकि
मछलियाँ की अभी सवारी थी
लगा बिता है रात जैसे
सुबह-सुबह असमान में लाली थी
